Raksha Khadse : सरपंच से केंद्रीय मंत्री तक का सफ़र
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Raksha Khadse: रक्षा खडसे, सरपंच से केंद्रीय मंत्री तक का सफ़र , जिनके पति ने कर ली थी आत्महत्या

रक्षा खडसे, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में महाराष्ट्र की रावेर सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनीं हैं, ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। पति निखिल खडसे ने खुद को गोली मार दी थी। सरपंच से केंद्रीय मंत्री तक रक्षा का मार्ग संघर्षपूर्ण है।

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रक्षा मंत्री निखिल खडसे भी नरेंद्र मोदी सरकार में 2024 में सबसे युवा केंद्रीय मंत्री है। रक्षा खडसे की जीवनशैली बहुत संघर्षपूर्ण रही है। इन्होंने सरपंच से केंद्रीय मंत्री तक की यात्रा की है। रक्षा खडसे के मोदी सरकार में मंत्री बनने पर मध् य प्रदेश और महाराष् ट्र में उत्साह का माहौल था। मोदी सरकार 3.0 में रक्षा खडसे ने केंद्रीय मंत्री पद की शपथ ली। महाराष्ट्र में भाजपा के कई उम्मीदवारों को हार मिलने के बावजूद, रक्षा खडसे मोदी कैबिनेट में शामिल हुए चेहरे हैं।

पति ने आत्महत्या कर ली थी

पति ने आत्महत्या कर ली थी महाराष्ट्र के रावेर से दो बार के भाजपा सांसद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में लगभग 3 लाख वोटों से जीता था। रक्षा महाराष्ट्र के प्रसिद्ध नेता एकनाथ खडसे की पत्नी हैं। रक्षा खडसे की राजनीति में एंट्री 2013 में उनके पति निखिल खडसे की आत्महत्या के गहरे वैयक्तिक सदमे के बाद हुई थी। निखिल खडसे की आत्महत्या को 2011 के विधान परिषद चुनावों में हुई हार बताया जाता है। उस बार के चुनाव में एकनाथ खडसे के बेटे निखिल को एनसीपी के मनीष जैन ने हराया था। पति की मृत्यु के बाद रक्षा चुनाव में उतर आई।

26 साल की उम्र में बन गईं सांसद

2014 के लोकसभा चुनाव में 26 साल की उम्र में बन गईं सांसद ने रावेर लोकसभा सीट से बड़ी जीत हासिल की थी, जिससे वह तब की सबसे युवा सांसद बन गई थी। उससे पहले वह कोथली गाँव की सरपंच थीं। 2013 में पति की मौत के बाद रक्षा खड़से को जिला परिषद की सीट पर चुना गया। रक्षा खडसे पहली बार 26 वर्ष की उम्र में सांसद बनीं। अब 37 साल की उम्र में मोदी सरकार में सबसे युवा केंद्रीय मंत्री बन गई हैं। रक्षा ने एक सरपंच से अब कैबिनेट मिनिस्टर तक की इस राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखा है।

रक्षा खडसे, जो तीन बार भाजपा सांसद रही हैं

रक्षा खडसे मध्य प्रदेश के खेटिया में जन्मे हैं और 13 मई 1987 को उनकी शादी महाराष् ट्र के प्रसिद्ध नेता एकनाथ खडसे के बेटे निखिल खडसे से हुई। रक्षा खडसे के दो बेटे हैं, कृषिका खडसे और गुरुनाथ खडसे। राजनीतिक कर्तव्यों के साथ अपने निजी जीवन को संतुलित करने की उनकी क्षमता को दिखाने वाली उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं।

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री पद का इनाम

रक्षा खडसे किसानों के कल्याण, बाल शिक्षा और महिला सशक्तीकरण पर लगातार काम करती रहती हैं। खडसे की राजनीतिक प्राथमिकताओं में जलगांव क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करना और सड़क संपर्क में सुधार करना शामिल हैं, जो वह बुनियादी ढांचे और शिक्षा के लिए अनिवार्य मानती हैं। रावेर में एक सिंचाई संयंत्र के लिए आंशिक धनराशि मिलने में भी वह सफल रही है। रक्षा खडसे, जो तीन बार भाजपा सांसद रही हैं, नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी मेहनत और ईमानदारी का बड़ा पुरस्कार है।