modi trump meeting : the joint statement of India and America

modi trump meeting : the joint statement of India and America
भारत-अमेरिका के साझा बयान पाकिस्तान को क्या परेशान करता है? भारत-अमेरिका ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वालों को न्याय के कटघरे में लाने की साझा इच्छा को स्वीकार करते हुए, अमेरिका ने तहव्वुर राणा को भारत को सौंपने की अनुमति दी है। नेताओं ने पाकिस्तान से कहा कि वे जल्द ही 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों के दोषियों को न्यायालय में पेश करें और यह सुनिश्चित करें कि पाकिस्तान की जमीन को सीमा पार आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं किया जाए।”
पाकिस्तान, वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक से परेशान है। इस्लामाबाद ने शुक्रवार को भारत-अमेरिका बैठक के बाद जारी हुए संयुक्त वक्तव्य में पाकिस्तान का विशेष उल्लेख किए जाने से नाराज हो गया. उन्होंने अमेरिका के साथ अपने पूर्व आतंकवाद-रोधी सहयोग का हवाला देते हुए बयान दिया।
पाकिस्तान हैरान क्यों है?
साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में पाकिस्तान विदेश कार्यालय (एफओ) के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा, “हम 13 फरवरी के भारत-अमेरिका संयुक्त बयान में पाकिस्तान के संदर्भ को एकतरफा, भ्रामक और कूटनीतिक मानदंडों के विपरीत मानते हैं। पाकिस्तान के अमेरिका के साथ आतंकवाद-विरोधी सहयोग के बावजूद संयुक्त बयान में ऐसा संदर्भ जोड़ा गया है, जो हमें हैरान करता है।”
ऐसे साझा बयान में पाकिस्तान का उल्लेख किया गया
राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आतंकवाद के वैश्विक संकट’ पर व्यापक चर्चा की। दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादियों के सुरक्षित स्थानों को पूरी तरह से समाप्त करना चाहिए। अमेरिका ने बैठक के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया, “हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वालों को न्याय के कटघरे में लाने की साझा इच्छा को स्वीकार करते हुए, अमेरिका घोषणा करता है कि तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी गई है।” नेताओं ने पाकिस्तान से कहा कि वे जल्द ही 26/11 मुंबई और पठानकोट हमलों के दोषियों को न्यायालय में पेश करें और यह सुनिश्चित करें कि पाकिस्तान की जमीन को सीमा पार आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं किया जाए।”
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी: पाकिस्तानी मूल के व्यवसायी तहव्वुर हुसैन राणा पर 2008 के मुंबई हमलों में शामिल होने का आरोप है, जिसमें छह अमेरिकियों सहित 166 लोगों की मौत हो गई थी। राणा ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन किया था। हमलों का मुख्य साजिशकर्ता और पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से घनिष्ठ संबंध रखता है, से उसका संबंध है।
बयान में दोनों नेताओं ने अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। शफकत अली खान ने कहा कि भारत से सैन्य टेक्नोलॉजी की आपूर्ति से भी पाकिस्तान चिंतित है। इस तरह की कार्रवाई क्षेत्र में सैन्य असंतुलन और रणनीतिक स्थिरता को कमजोर करती है। वे दक्षिण एशिया में स्थायी शांति का निर्माण नहीं करते।”
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