Legandry Actor Manoj Kumar passes away at the age of 87

Legandry Actor Manoj Kumar passes away at the age of 87
भारतीय सिनेमा ने खोया एक महान अभिनेता: मनोज कुमार का निधन
भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता, लेखक और निर्देशक मनोज कुमार का निधन भारतीय फिल्म जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने न केवल एक अभिनेता के रूप में बल्कि एक देशभक्त कलाकार और समाजसेवी के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को अब पाकिस्तान के अबोटाबाद में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया और यहीं से उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।
मनोज कुमार ने 1960 के दशक से लेकर 1980 के दशक तक हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय का जादू बिखेरा। उन्होंने कई यादगार फिल्में दीं, जिनमें हरियाली और रास्ता, वो कौन थी, हिमालय की गोद में, शहीद, पूरब और पश्चिम, उपकार और क्रांति जैसी फिल्में शामिल हैं। उन्हें विशेष रूप से “भारत कुमार” के नाम से जाना गया क्योंकि उन्होंने अपनी फिल्मों में देशभक्ति और सामाजिक सरोकारों को प्रमुखता से दिखाया।
1965 में रिलीज़ हुई फिल्म शहीद में भगत सिंह की भूमिका निभाकर उन्होंने दर्शकों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ी। इसके बाद उपकार (1967) जैसी फिल्म ने उन्हें एक राष्ट्रीय अभिनेता बना दिया। यह फिल्म तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के “जय जवान, जय किसान” के नारे से प्रेरित थी। इस फिल्म में उन्होंने न केवल अभिनय किया, बल्कि इसके लेखक और निर्देशक भी वही थे। उपकार ने उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड और राष्ट्रीय पुरस्कार दिलवाया।
मनोज कुमार का योगदान सिर्फ सिनेमा तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने समाज में जागरूकता फैलाने और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई। उनकी फिल्मों ने लोगों को देशभक्ति, परिश्रम और सदाचार के महत्व को समझाया।
उन्हें भारत सरकार द्वारा 1992 में पद्म श्री और 2016 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान है। ये पुरस्कार उनके योगदान की सार्थकता को प्रमाणित करते हैं।
मनोज कुमार के निधन से न केवल फिल्म उद्योग में बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। विभिन्न फिल्मी हस्तियों, राजनेताओं और आम जनता ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया। वे सच्चे अर्थों में एक कलाकार थे जिन्होंने सिनेमा को समाज सेवा का माध्यम बनाया।
उनकी यादें, उनके संवाद और उनका अभिनय सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। मनोज कुमार जैसे अभिनेता विरले ही होते हैं, जो अपनी कला से जनमानस के हृदय में अमिट स्थान बना लेते हैं।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।