Effect of yoga meditation on blood pressure

Effect of yoga, meditation and breathing techniques on blood pressure
योग, ध्यान और श्वास तकनीकों का रक्तचाप पर प्रभाव: अल्पकालिक राहत, दीर्घकालिक प्रभाव अनिश्चित
नई दिल्ली, 9 अप्रैल — योग, ध्यान और श्वास नियंत्रण जैसी विश्राम तकनीकों को आमतौर पर तनाव कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने के लिए अपनाया जाता है। हाल के वर्षों में, इन तकनीकों को रक्तचाप कम करने के एक वैकल्पिक उपाय के रूप में भी देखा जाने लगा है। हालांकि, एक हालिया अध्ययन में सामने आया है कि भले ही ये तकनीकें अल्पकालिक रूप से रक्तचाप घटाने में प्रभावी हो सकती हैं, लेकिन इनके दीर्घकालिक प्रभाव अभी भी स्पष्ट नहीं हैं।
ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया यह अध्ययन पहले से प्रकाशित कई अध्ययनों की एक व्यापक समीक्षा पर आधारित है। इस समीक्षा में पाया गया कि योग, ध्यान और अन्य विश्राम तकनीकों के अभ्यास से कुछ समय के लिए रक्तचाप में गिरावट दर्ज की गई है। विशेषकर वे लोग जिनका रक्तचाप थोड़ा बढ़ा हुआ था या जो तनावग्रस्त थे, उनमें इसका सकारात्मक प्रभाव देखा गया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यद्यपि इन तकनीकों से मिलने वाला अल्पकालिक लाभ मनोवैज्ञानिक रूप से राहतदायक हो सकता है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है कि उन्हें उच्च रक्तचाप के पूर्ण उपचार का विकल्प माना जाए। अध्ययन के अनुसार, उच्च रक्तचाप एक जटिल और दीर्घकालिक चिकित्सा स्थिति है, जिसमें नियमित दवाओं के साथ-साथ जीवनशैली में स्थायी बदलाव की आवश्यकता होती है।
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय की टीम ने सुझाव दिया कि यदि योग और ध्यान को उच्च रक्तचाप के इलाज में प्रभावी रूप से शामिल करना है, तो इसके लिए दीर्घकालिक और कठोर रूप से डिज़ाइन किए गए वैज्ञानिक अध्ययन आवश्यक हैं। अभी तक जो अध्ययन हुए हैं, उनमें से अधिकांश छोटे स्तर के रहे हैं या उनमें वैज्ञानिक सटीकता की कमी रही है। इससे यह साबित करना मुश्किल हो जाता है कि इन तकनीकों का प्रभाव स्थायी और चिकित्सकीय दृष्टिकोण से उपयोगी है या नहीं।
शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि वर्तमान में उपलब्ध प्रमाण इस बात की ओर इशारा करते हैं कि योग और ध्यान जैसे हस्तक्षेप रक्तचाप को केवल अस्थायी रूप से नियंत्रित कर सकते हैं, और उन्हें मुख्यधारा की चिकित्सा का विकल्प मानना उचित नहीं होगा। हालांकि, इन्हें पूरक (complementary) चिकित्सा के रूप में देखा जा सकता है, जो जीवनशैली में सुधार लाकर समग्र स्वास्थ्य में योगदान कर सकते हैं।
इस अध्ययन के प्रकाश में यह भी आया कि बहुत से प्रतिभागी जिन्होंने योग या ध्यान को नियमित रूप से अपनाया, उन्हें मानसिक रूप से अधिक शांत और ऊर्जा से भरपूर अनुभव हुआ, जिससे उनका तनाव स्तर कम हुआ — जो स्वयं एक महत्वपूर्ण रक्तचाप बढ़ाने वाला कारक है।
अंत में, शोधकर्ताओं का यह निष्कर्ष है कि जब तक दीर्घकालिक, नियंत्रित और व्यापक अध्ययन नहीं किए जाते, तब तक योग और ध्यान को उच्च रक्तचाप की मुख्य चिकित्सा प्रणाली में शामिल करना जल्दबाजी होगी। फिर भी, ये तकनीकें व्यक्तिगत स्तर पर मानसिक और भावनात्मक लाभ प्रदान कर सकती हैं, जो समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं।
योग, ध्यान और विश्राम की अन्य तकनीकें अल्पकालिक रूप से रक्तचाप घटाने में सहायक हो सकती हैं, परंतु दीर्घकालिक प्रभावों को लेकर अभी और शोध की आवश्यकता है। इन्हें एक वैकल्पिक पूरक के रूप में जरूर अपनाया जा सकता है, लेकिन उच्च रक्तचाप की चिकित्सा में इनकी भूमिका को प्रमाणित करने के लिए वैज्ञानिक आधार की सख्त जरूरत है।
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